महराजा यदु एक राजा थे। महराजा यदु को यदुकुल (यदु वंश) के प्रथम सदस्य माना जाता है। महराजा यदु के वंशज जिन्हें यदुवंशी या यादव या अहीर कहा जाता है।
गोत्र वंश के समूह को कहते हैं जो एक मूल पुरुष अपने पूर्वज से अटूट क्रम में जुड़ा रहता है। हिन्दू लोग गोत्र को लाखो हजारो वर्ष पहले पैदा हुए अपने पूर्वजो के नाम से चला रहे हैं। गोत्र शब्द का अर्थ है बेटे के बेटे के साथ शुरू होने वाली (पीढ़ी दर पीढ़ी ) संतान्।
क्या आप जानते है की पंडितों (Pandit) या ब्राह्मणों (Brahmin) के कितने गोत्र (Gotra) होते हैं?
क्या आप जानते है युपी ( Uttar Pradesh )और बिहार Bihar में यादव Yadav का गोत्र Gotra क्या है?
यादव गोत्रों की संख्या कितनी है?
यादव गोत्रों की संख्या भी बहुत अधिक है क्योकि यादव एक विशाल समुदाय है। इसीलिए यादव गोत्र की संख्या के बारे में अलग-अलग बातें कही जाती हैं। यादव गोत्र को लेकर एक आम सहमति है कि यादवो की 1700 से अधिक गोत्र हैं। यादवो की 1700 से अधिक गोत्र है लेकिन मूल रूप से सिर्फ 64 गोत्र है । जिनकी सूचि इस प्रकार है।yadav gotron kee sankhya kitanee hai?
1 ) अत्री गोत्र (Atri gotra):
अत्रि गोत्र को यदुवंशियों का मूल गोत्र माना जाता है और इसकी उत्पत्ति वैदिक ऋषि अत्रि से हुई है। वैदिक ऋषि अत्रि, सृष्टि के रचयिता ब्रह्मा जी के मानस पुत्रों और हिंदू परंपरा में सप्तर्षि में से एक हैं। वैदिक ऋषि अत्रि का सबसे अधिक उल्लेख ऋग्वेद में किया गया है।
2 ) अफ्रिया गोत्र (Afriya gotra):
इस गोत्र की उत्पत्ति भगवान श्री कृष्ण (द्वारिकाधीश) के परपोत्र वज्रनाभ से हुई थी अर्थात, अफ्रिया गोत्र के यादव भगवान श्री कृष्ण (द्वारिकाधीश) के वंशज हैं। भगवान श्री कृष्ण (द्वारिकाधीश) के परपोत्र वज्रनाभ का शासन हरियाणा के अहिरवाल राज्य पर था। अहीरवाल नरेश और 1857 क्रांति के स्वाधीनता सेनानी राव तुलाराम सिंह भी अफ्रिया गोत्र से थे। अफ्रिया गोत्र के यादवों का मुख्य ठिकाना अहीरवाल, दक्षिणी हरियाणा, उत्तर-पूर्वी राजस्थान, दिल्ली और पश्चिमी उत्तर प्रदेश कुछ गांव है।
3 ) बाबरिया गोत्र (Babriya gotra):
इस गोत्र के बारेमे मान्यता है कि ये लोग राजा जनमेजय के वंशज हैं। यह एक स्वतंत्र गोत्र है। इनका वास स्थान ब्रज (उत्तर प्रदेश, राजस्थान, हरियाणा और मध्यप्रदेश ) और गुजरात में है।
4 ) बनाफर गोत्र ( Banafar gotra ):
बुंदेलखंड के बनाफर वंशज को बनाफर गोत्र कहा जाता है। बुंदेलखंड के प्रसिद्ध योद्धा आल्हा और ऊदल बनाफर गोत्र से थे। बनाफर गोत्र के यदुवंशी मुख्य रूप से बुंदेलखंड, मध्य प्रदेश के मुरैना, भिंड और सतना जिले के मैहर तहसील में अच्छी खासी आबादी है।
5 ) बैरगड़िया गोत्र ( Bairgadhiya gotra):
बैरगड़िया अहीरों को यदुवंशी राजा विराट का वंशज माना जाता है। यह राजस्थान से आकर पश्चिमी उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश में बस गए और प्रसिद्ध दुर्ग बजरंगढ़ किले का निर्माण करवाया।
6 ) डागर गोत्र (Dagar gotra):
ऐसी मान्यता है कि इस गोत्र से माता यशोदा और रोहिणी थीं। इस गोत्र का मुख्य वास स्थान पश्चिमी उत्तर प्रदेश(Western UP), गुजरात (Gujarat)और अहीरवाल(Aheerwal) है।
7 ) दहिया गोत्र(Dahiya Gotra):
इस गोत्र की उत्पत्ति विदर्भ के राजा दहिभद्र यदुवंशी से हुई है। यह पश्चिमी उत्तर प्रदेश (Western UP) और अहीरवाल (Aheerwal) में पाए जाते हैं।
8 ) ढँढोर गोत्र (Dhandhor gotra) :
ढँढोर यादवों का एक स्वतंत्र गोत्र है। इस गोत्र के बारे में कहा जाता है कि राजस्थान के ढँढोर क्षेत्र से आकर उत्तर प्रदेश के कानपुर और पूर्वांचल क्षेत्र में जाकर बस गए। ढढोर यदुवंशी अहीरों की एक प्रसिद्धि खाप/गोत्र है जिनका निकास राजस्थान के प्रसिद्ध ढूंढार क्षेत्र से हुआ है। राजस्थान में जयपुर के आसपास के क्षेत्र जैसे करौली, धौलपुर, नीमराणा और ढीग बयाना के विशाल क्षेत्र को ” ढूंढार ” कहा जाता है एवं यहाँ ढूंढारी भाषा बोली जाती है। आज भी यहाँ ढंढोर अहीरों के गांव मौजूद हैं।
9 ) बाबर गोत्र (Babar Gotra):
इस गोत्र के यादव मुख्य रूप से पश्चिमी उत्तर प्रदेश (Western UP)और दिल्ली (Delhi) में पाए जाते हैं। इस गोत्र के यादवों को राजा कंस का वंशज कहा जाता है।
10 ) बिचवालिया गोत्र (Bichwalia Gotra) :
हरियाणा के महेंद्रगढ़ जिले और रेवाड़ी जिले के आस पास मुख्य रूप से पाए जाते हैं।
11 ) फाटक गोत्र (Phatak gotra) :
घोषी ठाकुर अहीर एक प्रसिद्ध गोत्र है जो मथुरा के यदुवंशी राजा दिगपाल यदुवंशी के वंशज हैं। इस गोत्र के यादवों का मुख्य ठिकाना ब्रज का मथुरा और शिकोहाबाद आदि इलाकों में है।
12 ) गढ़वाल गोत्र (Garhwal Gotra):
मान्यताओं के अनुसार इस गोत्र के यादव बलराम जी के पुत्र गदाधारी के वंशज हैं। इस गोत्र के यादव का ठिकाना ब्रज है।
13) घोषी ठाकुर (Ghoshi Thakur):
इस गोत्र के यादव चेदि के यदुवंशी राजा दमघोष के वंश हैं। वर्तमान में घोषी खानदान में यदुवंशीयों के 200 अलग-अलग गोत्र है जो मुख्य रूप से ब्रज, मध्यप्रदेश, अफगानिस्तान में पाए जाते हैं।
14 ) गोरिया गोत्र (Goriya Gotra):
इस गोत्र के यादव यदुवंशी राजा गौर के वंशज है। यह यादवो की गवालवंशी शाखा से आते है। जो गौ पालन के कारण कालांतर में गवालवंशी के रूप में प्रसिद्ध हुए।
15 ) जादम गोत्र (Jadam gotra):
इस गोत्र के बारे में ऐसी मान्यता है कि इनकी उत्पत्ति भगवान श्री कृष्ण के पुत्र युवराज साम्ब से हुई है। इनका मुख्य ठिकाना ब्रज, हरियाणा, अलवर, अफगानिस्तान और सिंध है।
16 ) कमरिया गोत्र (Kamariya Gotra):
यदुवंशियों का यह गोत्र मूल रूप से युवराज कमरहंस का वंशज हैं जो वर्तमान में इस गोत्र के लोगों का ठिकाना ब्रज और मध्य प्रदेश है। इस वंशज में भिन्न भिन्न 150 गोत्र हैं।
17 ) मकवाणा गोत्र (Makwana Gotra):
यह गोत्र मूल रूप से सम्मा खा़नदान के यदुवंशीयों का गोत्र है। यह मूल रूप से सिंध प्रांत के मकवाणा के निवासी थे, बाद में विस्थापित होकर गुजरात में आकर बस गए। मकवाणा से होने के कारण इनके गोत्र का नाम मकवाणा गोत्र कहलाए।
18 ) खिमानिया गोत्र (Khimania gotra) :
खिमानिया गोत्र महाभारत के प्रसिद्ध वीर यदुवंशी योद्धा सात्यकि के वंशज हैं। माडम गोत्र, नंदानिया इस गोत्र की शाखाएँ हैं। इस गोत्र के अहीर गुजरात में पाए जाते हैं।
19) कृष्णावत/वृष्णिवंश (Krishnavat / Vrishnivansh):
कृष्णौत यदुवंशी वृष्णि वंशी का एक प्रसिद्ध स्वतंत्र ख़ानदान है। बाबा वसुदेव और उनके चचेरे भाई बाबा नन्द दोनों इसी वृष्णि गोत्र से थे।
20 ) वितिहोत्र/हैहय गोत्र (Vitihotra/Haihay Gotra):
यह माहिष्मती नरेश सम्राट सहस्त्रार्जुन के वंशजों का प्रसिद्ध गोत्र है जो घोषी ठाकुर यदुवंशी ख़ानदान से हैं।यह मुख्य रूप से मध्यप्रदेश में रहते हैं।
21 ) रौधेले गोत्र (Raudhale Gotra) :
यह प्रसिद्ध गोत्र राधारानी के वंशज मने जाते है, जो कि घोषी ठाकुर अहीर ख़ानदान का एक प्रसिद्ध गोत्र है। इनका मुख्य ठिकाना ब्रज और दिल्ली के पास है।
22 ) रोहिणी गोत्र (Rohini Gotra):
रोहिणी गोत्र के यदुवंशी दाउ बलराम जी के वंशज हैं। रोहिणी गोत्र के यदुवंशीयों का मुख्य ठिकाना ब्रज और मध्यप्रदेश है।
23 ) कोशलिया गोत्र (Koshaliya Gotra) :
कोशलिया गोत्र यदुवंशी राजा कोशलदेव सिंह के वंशज है। इन यदुवंशीयों का मुख्य ठिकाना अहीरवाल है।
24 ) सम्मा गोत्र (Samma Gotra) :
सम्मा अहीर ख़ानदान के जो यदुवंशी सिंध से भारत आए वो सम्मा गोत्र के यादव कहलाए।
25 ) मथुरौट/मधुवंशी गोत्र:
इस गोत्र के यादव, यदुवंशी राजा मधू के वंशज हैं। यादवों के राजा यदु के बाद उनकी परम् कल्याणी राजा मधू थे। राजा मधु के वंशज बाद में जाकर मधुवंशी के नाम से प्रसिद्ध हुए। जो मथुरा से जाकर उत्तर बिहार में बस गए.
25 ) सौंधेले गोत्र (Saundhele gotra):
इस गोत्र के यदुवंशी ब्रज में पाए जाते हैं।
26 ) सुल्तानिया गोत्र (Sultania gotra):
सुल्तानिया गोत्र ब्रज के घोषी ठाकुर यदुवंशी खानदान का एक प्रसिद्ध गोत्र है।
27) सक्रिय गोत्र (sakriy gotra )
28 ) सिसोदिया/सिसोतिया गोत्र (Sisodia/Sisotia gotra):
इस गोत्र के यदुवंशी मुख्य रूप से अहीरवाल और पश्चिमी उत्तर प्रदेश में पाए जाते हैं
29) सिकेरा गोत्र (Sikera Gotra):
इस गोत्र के यदुवंशी का मुख्य ठिकाना ब्रज है।
30 ) तोमर/तंवर गोत्र (Tomar/Tanwar gotra):
इस गोत्र के यदुवंशी का मुख्य ठिकाना पश्चिमी उत्तर प्रदेश है.
31 ) वत्स गोत्र (Vats gotra)
32 ) ठाकरन गोत्र (Thakaran Gotra):
इस गोत्र के यदुवंशी का मुख्य ठिकाना अहीरवाल और पश्चिमी उत्तर प्रदेश है.
33 ) ज़हावत गोत्र (Zahawat gotra)
34 ) निर्बान/निर्वाण गोत्र (Nirban / Nirvana gotra):
इस गोत्र के यदुवंशी का मुख्य ठिकाना दिल्ली अहीरवाल और पश्चिमी उत्तर प्रदेश है.
35 ) खुखरायण गोत्र (Khukhrayan Gotra):
इस गोत्र के यदुवंशीयों का मुख्य रूप से पाकिस्तान के सिंध प्रांत में पाए जाते हैं।
36) कनिंवाल गोत्र (Kaninwal gotra):
इस गोत्र के यदुवंशीयों का मुख्य रूप से अहीरवाल में पाए जाते हैं।
37 ) काठ गोत्र (Kath gotra):
इस गोत्र के यदुवंशीयों का गुजरात और महाराष्ट्र में पाए जाते हैं। (Gujarat, Maharashtra)
38 ) खोला गोत्र (Khola gotra):
इस गोत्र के यदुवंशीयों का मुख्य निवास स्थान अहीरवाल है।
39) खैर गोत्र (Khair Gotra):
इस गोत्र के यदुवंशीयों का मुख्य रूप से पश्चिमी उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश में पाए जाते हैं।
40 ) खोसिया गोत्र (Khosia Gotra):
इस गोत्र के यदुवंशीयों अहीरवाल में पाए जाते हैं।
41 ) लंबा गोत्र (Lamba Gotra):
इस गोत्र के यदुवंशीयों का मुख्य ठिकाना राजस्थान और अहीरवाल है।
42 ) लाखनोत्र गोत्र (Lakhnotra Gotra):
इस गोत्र के यदुवंशी गुजरात में पाए जाते हैं।
43 ) मेहता गोत्र (Mehta Gotra):
इस गोत्र के यदुवंशीयों का मुख्य रूप से अहीरवाल में पाए जाते हैं।
44 ) नंदानिया गोत्र (Nandania Gotra):
इस गोत्र के यदुवंशी गुजरात में पाए जाते हैं।
45 ) निकुम्भ गोत्र (Nikumbh gotra):
इस गोत्र के यदुवंशीयों का मुख्य रूप से अहीरवाल में पाए जाते हैं।
46) नहरिया गोत्र (Nahariya Gotra):
इस गोत्र के यदुवंशीयों का मुख्य ठिकाना दिल्ली मुरादाबाद और बदायूं है।
47 ) पठानिया गोत्र (Pathania Gotra):
इस गोत्र के यदुवंशीयों का मुख्य रूप से पश्चिमी उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश में पाए जाते हैं।
48 ) खारवेल गोत्र (Kharvel gotra) :
इस गोत्र के यदुवंशी राजा खरवेल के वंशज हैं।
49 ) दातारता गोत्र (Datarata Gotra) :
इस गोत्र के यदुवंशी मुख्य रूप से अहीरवाल में पाए जाते हैं.
50 ) भीलोन गोत्र (Bhilon Gotra):
इस गोत्र के यदुवंशी घोषी ठाकुर अहीरके वंशज है। इनका मुख्य ठिकाना फिरोजाबाद है।
51 ) देशवाल गोत्र (Deshwal Gotra):
इस गोत्र के यदुवंशी कृष्णवंशी खानदान है। यह मुख्य ठिकाना बागपत और अहीरवाल में पाए जाते हैं.
गोत्र _
श्री बलोदिया_यह_मध्य प्रदेश के सीहोर जिले_में पाए हैं _
ग्राम पंचायत खड़गांव के
यह ज़मीदार घराने से आते है
इन की जमीदारी 600. साल पुरानी मानी जाती है (श्री मनमोहन जी जमींदार अहीर)
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धन्यवाद
Yadav sab ak hai देखा जाए तो राजा यदु s सब संबंधित हैं और सब उनके द्वारा ही संतान उत्पत्ति हुई है अलग-अलग नाम बना लिखिए उनके लड़का और नाती पोता से जो पैदा हुए गोत्र बन गए