Why is Ganga water so pure?-गंगाजल क्यों इतना शुद्ध होता है ?

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आखिर क्यों खराब नहीं होता गंगाजल काफी दिनों तक रखने के बाद भी ,क्यों माना जाता है ये इतना पवित्र? आइये जानते है-After all, why does Ganga water not spoil even after keeping it for a long time, why is it considered so sacred? let us know

महाभारत ग्रन्थ के अनुसार कहा जाता की महाभारत की पूरी कहानी गंगामाता से शुरू होती है-

जल ही जीवन है ये तो सब जानते है इंसान के जीवित रहने के पीछे जल यानी पानी का सबसे अहम किरदार रहता है। तो आइये जानते है गनगजल ाखि ख़राब क्यों नहीं होता है जबकि नार्मल पानी को बोतल में बंद करके कुछ दिन के लिए रख दे तो वो खराब हो जाता है क्यों आइये जानते है।

आखिर क्यों खराब नहीं होता गंगा जी का पानी?After all, why does the water of Ganga not get spoiled?

हमारे हिन्दू धर्म में गंगा नदी को पवित्र नदी और देवताओं की नदी कहा जाता है, इसलिए आज भी हर शुभ अवसर पर हमरे यहाँ गंगाजल का उपयोग किया जाता है। हमारे हिंदू धर्म में बच्चे के जन्म से लेकर उसकी मृत्यु तक गंगाजल की अहम भूमिका होती है। समय-समय पर गंगाजल की आवश्यकता होने के कारण जब भी कोई व्यक्ति पवित्र गंगा जी में डुबकी लगाने के लिए हरिद्वार जाता है तो वहा से पवित्र गंगा जल अवश्य लाना चाहिए। लगभग हर हिंदू के घर में गंगाजल से भरी बोतल मिलना आम बात है।

लेकिन सोचने वाली ये बात है कि गंगाजल कई वर्षों तक बोतल में बंद रहने के बाद भी कभी खराब क्यों नहीं होता, वही हम बोतल में बंद कई दिनों तक रखा सामान्य पानी रख दे तो खराब हो जाता है या उसमें कीटाणु पड़ जाते हैं? इस संबंध में वैज्ञानिकों ने कई शोधों से यह सिद्ध किया है कि गंगाजल एक विशेष प्रकार के विषाणु से दूषित नहीं होता है।दुनिया में आधा इलाका पानी से ढंका होता है इसके बावजूद दुनिया में पानी की किल्लत रहती है। इसकी वजह है पीने के पानी की कमी। आधा पानी तो ग्लेशियर्स में जमा है लेकिन नदी या झीलों का पाने पीने के लिए इस्तेमाल किया जाता है हालांकि, भारत में अधिकांश नदियों का पानी गंदगी की वजह से अब पीने योग्य नहीं रह गया है।

गंगा (भागीरथी) अपने उद्गम स्थान गंगोत्री से निकलकर हिमालय से निकलकर हरिद्वार देवप्रयाग में अलकनंदा में मिल जाती है। गंगा की इस यात्रा में कुछ विशेष प्रकार की गंधक और जड़ी-बूटियां गंगाजल में घुल जाती हैं, जिसके कारण गंगाजल में अन्य नदियों के जल की अपेक्षा अधिक शुद्धता और औषधीय गुण होते हैं। प्रत्येक नदी के पानी में लवण उनकी जैविक संरचना के अनुसार घुले होते हैं, जिनमें से कुछ जीवाणुओं के विकास की अनुमति देते हैं और कुछ नहीं। वैज्ञानिक शोध के अनुसार गंगा जी के पानी में ऐसे बैक्टीरिया होते हैं, जो गंगा के पानी में कीटाणुओं को पनपने नहीं देते, जिससे इसका पानी लंबे समय तक दूषित नहीं होता है।

गंगाजल इतना पवित्र क्यों माना जाता है? Why is Ganga water considered so sacred?

अन्य सभी नदियों की तुलना में, गंगा जी की रेत में तांबे, क्रोमियम और रेडियोधर्मी थोरियम की ट्रेस मात्रा अधिक होती है। ये तत्व गंगाजल में पत्थरों की रगड़ से उत्पन्न कीटाणुओं को नष्ट कर सकते हैं। कहा गया है कि गंगाजल में कलीफा नामक उपयोगी जीवाणु पाया जाता है, जो हानिकारक कीटाणुओं को नष्ट कर जल को शुद्ध करता है।

गंगा के पानी में प्रचूर मात्रा में गंधक भी होता है, इसलिए यह लंबे समय तक खराब नहीं होता और इसमें कीड़े नहीं पैदा होते। यही कारण है कि गंगा जल को हिंदू धर्म में इतना पवित्र माना गया है।

 

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