शरद नवरात्रि कब है ? जानिए तिथि, घटस्थापना मुहूर्त और महत्व:Sharad Navaraatri Kab Hai ? Jaanie Tithi, Ghatasthaapana Muhoort Aur Mahatv
शरद नवरात्रि-Sharad Navaraatri
हिंदू धर्म में शरद नवरात्रि हर साल आश्विन माह के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि से प्रारंभ होती है। इस दौरान मां दुर्गा के नौ स्वरूपों की विधिवत पूजा की जाती है।और हिंदू धर्म में नवरात्रि का विशेष महत्व है। पंचांग के अनुसार, साल में चार बार नवरात्रि का पर्व मनाया जाता है जिसमें चैत्र नवरात्रि, शरद नवरात्रि के साथ दो गुप्त नवरात्रि शामिल है। चैत्र औरशरद नवरात्रि का विशेष महत्व है, क्योंकि इन्हें सामान्य लोग भी रख सकते हैं। हिंदू पंचांग के अनुसार, आश्विन माह के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि के साथ शरदनवरात्रि प्रारम्भ हो जाती है, जो दशमी तिथि को समाप्त होती है।
शरद नवरात्रि घटस्थापना मुहूर्त-Sharad Navratri Ghatasthapana Muhurta
शरद नवरात्रि की प्रतिपदा तिथि को यानी पहले दिन कलश स्थापना का शुभ मुहूर्त घटस्थापना मुहूर्त – 06:20 AM से 07:26 AM
अवधि-01 घण्टा 05 मिनट तक।
शरद नवरात्रि घटस्थापना तिथि 2024 -Sharad Navratri Ghatasthapana date
तिथि- बृहस्पतिवार, अक्टूबर 3, 2024
प्रतिपदा तिथि तिथि आरंभ- अक्टूबर 03, 2024 को 12:18 AM बजे से शुरू
प्रतिपदा तिथि तिथि समाप्त-अक्टूबर 04, 2024 को 02:58 AMबजे समाप्त
शरद नवरात्रि महत्व:Sharad Navaraatri Mahatv
शरद नवरात्रि घटस्थापना तिथियां:Sharad Navratri Ghatasthapana Dates
- 15 अक्टूबर 2023 – मां शैलपुत्री (पहला दिन)
- 16 अक्टूबर 2023 – मां ब्रह्मचारिणी (दूसरा दिन)
- 17 अक्टूबर 2023 – मां चंद्रघंटा (तीसरा दिन)
- 18 अक्टूबर 2023 – मां कुष्मांडा (चौथा दिन)
- 19 अक्टूबर 2023 – मां स्कंदमाता (पांचवा दिन)
- 20 अक्टूबर 2023 – मां कात्यायनी (छठा दिन)
- 21 अक्टूबर 2023 – मां कालरात्रि (सातवां दिन)
- 22 अक्टूबर 2023 – मां महागौरी (आठवां दिन)
- 23 अक्टूबर 2023 – महानवमी, (नौवां दिन) शरद नवरात्र व्रत पारण
- 24 अक्टूबर 2023 – मां दुर्गा प्रतिमा विसर्जन, दशमी तिथि
शरद नवरात्रि घटस्थापना (कलश )स्थापना के नियम:Sharad Navaraatri Ghatasthaapana (Kalash )Asthaapana Ke Niyam
नवरात्रि में कलश स्थापना का विशेष महत्व है कलश स्थापना को घट स्थापना भी कहा जाता है। नवरात्रि की शुरुआत घट स्थापना के साथ ही होती है। घट स्थापना शक्ति की देवी का आह्वान है। मान्यता है कि गलत समय में घट स्थापना करने से देवी मां क्रोधित हो सकती हैं।
रात के समय और अमावस्या के दिन घट स्थापित नहीं करते है। घटस्थापना का सबसे शुभ समय प्रतिपदा का एक तिहाई भाग बीत जाने के बाद होता है।
अगर किसी कारण वश आप उस समय कलश स्थापित न कर पाएं तो अभिजीत मुहूर्त में भी स्थापित कर सकते हैं। प्रत्येक दिन का आठवां मुहूर्त अभिजीत मुहूर्त कहलाता है।
नवरात्रि घटस्थापना सामग्री:Navratri Ghatsthapana Samagri
मां दुर्गा को लाल रंग खास पसंद है इसलिए लाल रंग का ही आसन खरीदें। इसके अलावा कलश स्थापना के लिए मिट्टी का पात्र, जौ, मिट्टी, जल से भरा हुआ कलश, मौली, इलायची, लौंग, कपूर, रोली, साबुत सुपारी, साबुत चावल, सिक्के, अशोक या आम के पांच पत्ते, नारियल, चुनरी, सिंदूर, फल-फूल, फूलों की माला और श्रृंगार का सारा समान होना ही चाहिए।