अजा एकादशी-Aja Ekadashi
अजा एकादशी भगवान विष्णु जी को अति प्रिय है इसलिए इस एकादशी का व्रत रखने से भगवान विष्णु और साथ में माँ लक्ष्मी का आशीर्वाद प्राप्त होता है। इसे अन्नदा एकादशी के नाम से भी जाना जाता है।अजा एकादशी का हिंदू धर्म में विशेष महत्व है। यही वजह है एकादशी पर विशेष तौर पर भक्त पूजा अर्चना पूरी मान्यता के अनुसार करते हैं। इस दिन भगवान विष्णु की पूरे विधि- विधान और श्रद्धा भाव के साथ पूजा अर्चना की जाती है। साल में कुल 24 एकादशी पड़ती है। अजा एकादशी हिंदी महीने ‘भाद्रपद’ के कृष्ण पक्ष (चंद्रमा के अंधेरे पक्ष) में आने वाली एकादशी को मनाई जाती है। वैसे तो प्रत्येक एकादशी विशिष्ट लाभों को देने वाली मानी जाती है, लेकिन फिर भी हर एकादशी का अपना एक अलग महत्व होता है। मान्यताओं के अनुसार, अजा एकादशी व्रत सभी तरह के पापों को नष्ट करने वाला और विशेष पुण्य फल देने वाला होता है, इस व्रत को करने वाले व्यक्ति सभी सुखों को भोगकर अंत में विष्णु लोक को प्राप्त करता है।
अजा एकादशी व्रत तिथि 2024-Aja Ekaadashee Vrat Tithi
गुरुवार, 29 अगस्त 2024
एकादशी तिथि आरंभ: 29 अगस्त 2024 सुबह 01:18 बजे
एकादशी तिथि समाप्त: 30 अगस्त 2024 को 01:36 बजे
अजा एकादशी पूजा विधि:Aja Ekaadashee Pooja Vidhi
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- एकादशी के दिन प्रातः सूर्योदय से पूर्व स्नान ध्यान करें।
- भगवान विष्णु जी के सामने घी का दीपक जलाकर, फलों तथा फूलों से भक्तिपूर्वक पूजा करें।
- पूजा के बाद विष्णु सहस्र नाम का पाठ करें।
- दिन में निराहार एवं निर्जल व्रत का पालन करें।
- इस व्रत में रात्रि को जागरण करें।
- द्वादशी तिथि के दिन प्रातः ब्राह्मण को भोजन कराएं व दान-दक्षिणा दें।
- फिर स्वयं भोजन करें।
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अजा एकादशी का महत्व:Aja Ekaadashee Ka Mahatv
हिन्दू धर्म के अनुसार ऐसा माना जाता है कि जो भक्त विधि विधान से इस व्रत को करते हुए रात्रि जागरण करते हैं, उनके समस्त पाप नष्ट हो जाते हैं और अंत में वे स्वर्गलोक को प्राप्त होते हैं। इसके अलावा अजा एकादशी की कथा को सुनने मात्र से भक्तजनों को अश्वमेध यज्ञ का फल प्राप्त होता है।